हर समय मड़इन के घर के चोरी तौ कत्तौ जानवरन के चोरी के मामला सामने आवत हवै। पै या मामला मा आखिर प्रशासन काहे सुन के चुप रहि जात हवै। प्रशासन जनता के सुरक्षा का बनाई गे हवै। जनता के ऊपर केत्ता नजर राखत हवै या सबै कोऊ जानत हवै। चोरी के मामला आये दिन मड़ई थाना अउर कोतवाली मा लिखावत हवै, पै लिखावैं का कउनौ फायदा नहीं होत आय। चोर जस के तस डंका के चोट मा रहत हवंै। यहै से चोरन का चोरी करै का अउर हौंसला बढ़त हवै।
यहिका उदाहरण हवै जिला चित्रकूट, ब्लाक मानिकपुर अउर मऊ, पहाड़ी। इं ब्लाकन के गांव मा कउनौ के भइंसिन तौ कउनौ के घरन का लाखन रूपिया का सामान चोरी चला गा हवै। मड़ई दरखास भी लिखाये हवै, पै पुलिस अबै तक चोरन का नहीं पकड़ पाइस आय। या बात तौ सोंचै वाली हवै कि पुलिस प्रशासन दरखास लिखावैं दे बाद हाथ मा हाथ धरे बइठ रहत हवै। जबकि चोरी का मामला दिनै दिन बढ़त जात हवै।
या मामला मा जवाबदेही आखिर केहिके हवै? अगर यहिनतान चोरी होत रही तौ मड़ई कहां से वहिके भरपाइ कर पाई। या समस्या का लइके सरकार अउर प्रशासन का ठोस कदम उठावै का चाही। कबै तक जनता इनतान के समस्या का सामना करी। यहै से सरकार का जल्दी सोंचै के जरूरत हवै।