लखनऊ। 10 जुलाई को उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने फोन पर हुई एक ऐसी बातचीत का खुलासा किया जिससे मुलायम सिंह यादव पर धमकी देने का आरोप लगाया जा सकता है। बदले में घंटों बाद ही उनको पहले सस्पेंड कर दिया गया, फिर 13 जुलाई को उनके खिलाफ बलात्कार का केस दर्ज किया गया और 15 जुलाई को उनके खिलाफ अपराधनामा फाइल किया गया है। उन पर कर्तव्यविमुखता और सरकार के खिलाफ जाने के आरोप लगाए गए हैं।
अमिताभ ठाकुर ने 10 जुलाई को मीडिया और केंद्र सरकार को फोन पर हुई बातचीत की रिकाॅर्डिंग सुनाई जिसमें मुलायम सिंह यादव उन से साफ-साफ कह रहे हैं कि वे सुधर जाएं नहीं तो यादव उन्हें पहले की तरह पिटने से बचा नहीं पाएंगे।
राज्य गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि मुलायम का ठाकुर को फटकारना सामान्य बात है और इसे धमकी नहीं कहा जा सकता। ठाकुर को इसलिए भी डांट लगाई गई थी क्योंकि 2014 में कोर्ट के एक फैसले के अनुसार ठाकुर पुलिस अफसर और सरकारी कर्मी होकर सामाजिक मुद्दों पर सवाल उठाने की पहल नहीं कर सकते थे। फिर भी पिछले साल में ठाकुर ने सरकार पर सवाल करती हुई कई अजि़र्यां कोर्ट में फाइल की थीं।
अमिताभ ठाकुर और समाजवादी पार्टी सरकार के बीच काफी समय से तनाव रहा है। ठाकुर की पत्नी सूचना के अधिकार कानून पर काम करती हैं और इस समय सपा के एक नेता के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक केस लड़ रही हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पूरी कहानी का आधार बदला है?