खबर लहरिया औरतें काम पर पुरुष वकील, महिला वकील का बोलिन अपशब्द

पुरुष वकील, महिला वकील का बोलिन अपशब्द

neerouजिला चित्रकूट, ब्लाक कर्वी मा कुल महिला वकील सात हवै। उनमा से एक वकील नीरु गुप्ता भी हवै। नीरु गुप्ता वकील आपन बीती कुछ इनतान बताइस कि मोरे लगे सबसे ज्यादा औरतन के केस आवत हवैं । यहिसे एक महीना से वकील लड़ैं का बहाना ढूढ़त हवैं। मैं जउन जघा मा बस्ता धइके बइठत हौं हुंवा मोरे पीछे पानी पियै का वकील बर्तन धइ दिहिन हवैं। यहिसे वकील पानी पियै आवत हवैं तौ उंई धक्का देत हवैं अउर उल्टी सीधी बात करत हवैं, पै 27 अप्रैल का हिंया के वकील मोरे साथै गाली गलौज करिन अउर अपशब्द बोलत रहैं। वकील कहत हवैं कि हमरे लगे कउनौ महिला केस लइके नहीं आवत हवै। मैं कोतवाली मा फोन करेंव, पै पुलिस नहीं आई। नीरु गुप्ता छह साल से कर्वी में वकील हवैं। उनहिन से जानित हन कि उनका वकील बनै मा कउनतान समस्या आई हवंै।
नीरु गुप्ता या भी कहिस कि मोर बांदा जिला मइका हवै। मैं पांच बहन अउर दुइ भाई हवैं। मोर बाप वकील रहै। यहिसे मोहिका बचपन से ही वकील बनैं का शौक रहै। मैं बी.काॅम अउर एल.एल.बी कीने हौं। यहिके साथै संगीत का भी शौक रहै। मोर शादी चित्रकूट जिला के कर्वी मा रहैं वाले राजाराम साथै भे रहै। मोर सास ससुर मोहिका वकील बनावैं मा सहयोग करिन हवैं, पै पड़ोस मा रहैं वाले मड़ई कहत रहैं कि एक औरत होइके कसत वकालत करी या काम तौ मनसवन का हवै। दूसर बात औरतन का वकालत करब समाज के खिलाफ हवै।
औरतन साथै घर अउर बाहर दूनौ जघा हरतान के बंधन लगाये जात हवैं। या समय मैं सबसे ज्यादा घरेलू हिंसा अउर तलाक के मुद्दन के वकालत करत हौं। औरत चाहे जउन पोस्ट मा नौकरी करै। वहिका पुरुष समाज ताना दइके नीचे गिरावैं के कोशिश करत हवै। यहिसे वकालत करैं मा पता लाग कि औरतैं आपन समस्या का खुल के नहीं बता पावत हवैं जबैकि मनसवा आपन समस्या का धड़ाधड़ बतावत हवैं। यहिसे औरतन से उनके समस्या का पूंछै मा बहुतै कोशिश करै का परत हवै। मोरे दुइ लड़का अउर एक लड़की हवै। या समय मोर उम्र पैंतालिस साल हवै।
आपन नौकरी अउर परिवार दूनौं का समय देत हौं। घर के काम मा मोरे परिवार वाले भी सहयोग करत हवैं। कचहरी मा ग्यारह बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक ड्यिूटी करत हौं। औरतन खातिर संदेश दें चाहत हौं कि हिम्मत अउर मेहनत एक दिन जरुर रंग लावत हवै। अगर अपने मन मा लगन हवै तौ हमार मंजिल दूर नहीं आय। यहिके खातिर सबहिन से जरुरी बात हवै कि लड़किन का पढ़ावब बहुतै जरुरी हवै। जबै हमार लड़की शिक्षित होइ तबहिने आपन हक अउर अधिकारन का जान सकत हवै।