क्या आप जानते हैं कि महिलाओं की वार्षिक आय पुरुषों से 20 प्रतिशत कम होती है? हालिया हुए एक अध्ययन के अनुसार, महिलाओं के काम को पुरुषों जितना महत्त्व नहीं दिया जाता। दोनों के बीच शुरुआत से ही फर्क किया जाता रहा है। महिलाएं अब पुरुषों के मुकाबले अधिक पढ़ी-लिखी हैं और उन्हें भी पुरुषों के जितना काम का अनुभव है.
कॉर्नेल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए अध्ययन में वेतन को लेकर बनाये गये अंतर को स्पष्ट किया है कि जिस पेशे और उद्योग में महिला और पुरुष काम करते हैं उनके बीच जेंडर का सबसे बड़ा फर्क होता है जो उन्हें कम वेतन देने का मुख्य आधार माना जाता है।
एक अन्य अध्ययन के अनुसार, पुरुषों द्वारा किए जाने वाले कार्यों पर जब औरतें बड़ी संख्या में आ जाती हैं तब उस पद और कार्य के वेतन को घटा दिया जाता है।
एक जैसी शिक्षा, जिम्मेदारी और योग्यता के बाद भी महिला और पुरुषों के वेतन में अंतर होता है. उदहारण देखिये…
-ज्यादतर इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी के पदों पर आसीन पुरुष मैनेजरों की आय ह्यूमन रिसोर्स महिला मैनेजरों से 27 प्रतिशत ज्यादा होती है।
-पुरुष दरबान, महिला मेड या होम केयर टेकर से 22 प्रतिशत ज्यादा वेतन पाते हैं।
ठीक इसी तरह अन्य क्षेत्रों में भी महिलाएं बड़ी संख्या में काम करते हुए भी कम वेतन पाती हैं. एक महिला डिजाइनर का वेतन पुरुष डिजाइनर की तुलना में 34 प्रतिशत घट जाते हैं. महिला हाउसकीपर का वेतन 21 प्रतिशत घट जाते हैं और महिला जीवविज्ञानी का 18 प्रतिशत कम वेतन घट जाता हैं।
इसके ठीक उल्टा पुरुषों के हित में होता है. जैसे अगर कोई काम पहले महिलाएं करती थीं लेकिन अब पुरुष अधिक कर रहें हैं तो उनका वेतन महिलाओं की तुलना में ज्यादा होगा. उदहारण के लिए, पहले कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की भूमिका में ज्यादातर महिलाएं हुआ करती थीं. लेकिन अब यहाँ पुरुषों का राज है और इनका वेतन और इस काम का महत्व दोनों बढ़ गया है।