पन्ना जिले के गांव पुरुषोत्तमपुर, मुहल्ला चांदमारी में पीने के पानी के लाले पड़ गये हैं। गांव में लगे दो हैन्डपम्प पहले ही साथ छोड़ चुके हैं। पानी की तलाश में महिलाएं इधर-उधर मीलों भटक रही हैं। गंदा पानी पीने से हालात बदल गये है, एक साल में तेरह बच्चें कुपोषित हो गये हैं।
खिल्लू बाई का कहना है कि लोग मजबूरी में तालाब का गंदा पानी पीते है उसी में भैंस लोटती हैं और लोग कपड़े धोतें हैं। आंगनबाड़ी सहायिका लक्ष्मी का कहना है कि पानी के कारण इस तरह की गर्मी में भी बच्चों को नहलाते नहीं हैं। गंदा पानी में कीटाणु रहते है जिसे पीने से बच्चें कुपोषित हो रहे हैं। अधिकारी आते है लेकिन कुछ करते नहीं है। रामकली का कहना है कि जानवर नहीं पालते हैं क्योंकि जब हमें पीने को पानी नहीं मिलता, तो जानवर को कहां से पिलायेगें। एक दिन में तीन बार पानी भरनें जाते हैं कुंआ खोदते हैं तो पानी नहीं निकलता है।
अधीक्षण यंत्री एस. के. अन्धवान का कहना है कि मुख्यमंत्री नल जल योजना बन रही है उसी के तहत चांदमारी मुहल्ले में भी काम होगा। इसमें टंकी बना के पाइप लाइन द्वारा पानी की व्यवस्था की जायेगी।
रिपोर्टर- चंदा और सुनीता प्रजापति