जिला चित्रकूट, ब्लाक मऊ, गांव गाहुर, पुरवा भारत पुरवा। हिंया के रहैं वाली फूला का मनसवा का मरे दुइ बरस होइगा, पै वहिका आजौ तक परिवारिक लाभ नहीं मिला आय। या कारन वा परेशान हवै।
हिंया के फूला का कहब हवै कि मैं पारिवारिक लाभ खातिर फार्म भरे रहौं, पै दुइ बरस पूर होइगा हवै। मोहिका आजौ तक पारिवारिक लाभ नहीं मिलत आय। मोर नाम रूपिया आवा रहै तौ मनसवा का नाम शंकरलाल के जघा पप्पू रहै। या कारन मोहिका रूपिया नहीं मिला आय। मोर छोट-छोट पांच बच्चा हवैं। रूपिया मिल जात तौ कुछौ घर परिवार का खर्चा चलत। प्रधान से कहे हौं, पै वा कहत हवै कि तोर रूपिया नहीं आवा आय।
प्रधान मौजीलाल का कहब हवै कि वा रूपिया मनका गांव के पप्पू के मेहरिया का आवा रहै। वहिकर खाता मा रूपिया नहीं आवा आय। मैं समाज कल्याण जा के पता करिहौं।
पारिवारिक लाभ पावैं खातिर भटकत
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