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पानी में सिंघाड़े की खेती

18-12-14 Mano Sitamarhi - Singhaade ki Kheti webजिला सीतामढ़ी, प्रखण्ड डुमरा, गांव बसबरिया। यहां के गोबिन्द मुखिया लगभग पांच सालों से पानी में होने वाले फल पानी सिंघाड़ा की खेती रेलवे के पोखर में करते हैं। वह साल में पच्चीस से तीस हज़ार रुपए कमा लेते हैं।
गोबिन्द कहना है कि पोखर रेलवे की ज़मीन में पड़ता है। इसलिए हर साल रेलवे विभाग पांच हज़ार रुपए लेते हैं। वे बताते हैं, ‘इसमें मैं पानी फल सिंघाड़ा की खेती करता हूं। ये कई रंगों का होता है – जैसे गाढ़ा गुलाबी, गाजरी रंग और काले रंग का।’
इस फल में दो सिंघ का कांटा होता है। यह फल पानी में ही उगता है। यह फल ज़्यादातर अक्टूबर-नवम्बर के माह में मिलता है। लोग इसे उपवास में भी खाते हैं। इसे खाने से पेट ठंडा रहता है और यह फल षरीर में पानी की कमी होने से बचाता है।