चित्रकूट जिला मा गांव मा पानी के समस्या बहुतै ज्यादा हवै। कत्तौ हैण्डपम्प नहीं लाग कत्तौ कुंआ के सफाई नहीं होत तौ कत्तौ सप्लाई टंकी बस देखै खातिर बनी हवै। वहिसे पानी के सप्लाई समय से नहीं होत हवै। यहिकर उदाहरण ब्लाक कर्वी, गांव रामपुर माफी अउर मऊ ब्लाक का गांव कलचिहा, मजरा सुचेता कालोनी का हवै। कर्वी ब्लाक, रामपुर माफी गांव मा पानी सप्लाई के टंकी छह बरस से बनी हवै। वहिमा सप्लाई नल मा पानी रोजै नहीं आवत हवै। या कारन पानी खातिर कइयौ समस्या का सामना करैं का परत हवै। जइसे नहाये धोवै, जानवर का पियै खातिर पानी बच्चन का सुबेरे स्कूल जाये खातिर पानी अउर मजूर मड़इन का मजूरी करैं खातिर देर होइ जात हवै। इं रोज मर्रा के जरूरत हवै। यहिमा पानी के कमी होइ तौ कसत दिनचर्या चल सकत हवै। यहिनतान मऊ ब्लाक, कलचिहा गांव, सुचेता कालोनी पुरवा मा एक कुंआ हवै। वहिके सफाई लगभग पांच बरस से नहीं भे आय। आखिर पानी के समस्या से जुड़े काम करवावैं खातिर कउन जिम्मेदार हवै। प्रधान, जल परियोजना इकाई या फेर जल संस्थान विभाग? अगर इं समस्या का लइके जल परियोजना इकाई विभाग मा बात भी कीन जात हवै तौ विभाग वाले लम्बे चैड़े आकड़ा बता देत हवै, पै समस्या बस के तस बनी रहत हवै। यहिके खातिर सरकार का जिम्मेदार अधिकारिन से जवाबदेही लंे के जरूरत हवै। तबहिने समस्या खतम होइ। गर्मी के मौसम मा जल स्तर तौ बहुतै घट जात हवै कि मड़इन का पानी के लिये दर-दर भटकैं का परत हवैं। मड़ई तौ आपन प्यास बुझा लेत हवै, पै जानरवन के हालत तौ बहुतै खराब हवै। सरकार पानी के लिए पैकेज देत हवै, पै वहिका पता नहीं चलत हवै कि रूपिया कहां चला गा? सरकार तौ या समस्या बुन्देलखण्ड मा बरसों से देखत हवै, पै आज तक कउनौ ठोस कदम उठावत हवै? हर बरस पानी के रोना मड़इन का रोवै का परत हवै।
पानी मिलगा तौ अमृत मिलगा
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विभाग की लापरवाही के कारन होत मोत
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