जिला महोबा, ब्लाक कबरई, गांव मिरतला। एते सन् 2008 में पानी के टंकी बनी हती। जीसे गांव के आदमियन खा पानी के सुविधा हो सके, पे टंकी बने के बाद भी चालू नइयां।
भोला ओर बरदानी ने बताओ कि हमाये गांव में टंकी बने के बाद कुल छह महीना चली हे। ऊखे बाद से नई चली हे। गांव में सरकार के सुविधा करे से कोनऊ फायदा नइयां।
रामकिशोर कहत हे कि जा पानी वाली टंकी में दो ट्यूबवेल हे। दोनऊ में पानी चलायें खा आपरेटर भी राखे हते। पानी नई चलाओ ओर आपरेटर को वेतन नई दओ तो ऊं भी काम छोड़ के दिल्ली भाग गये हें। हम लोग हैण्डपम्प के सहारे ही रहत हें। मोहल्ला को हैण्डपम्प खराब हो गओ तो पानी खा बोहतई परेशानी होत हे। सिविल जल निगम के अधिशाषी अभियन्ता जर्नादन सिंह ने बताओ कि ओते कि टंकी ग्राम प्रधान खा हैण्डोवर हे। ऊखी सब व्यवस्था करायें की जिम्मेंदारी प्रधान की आय।
सचिव स्वामीदीन पटेल ने बताओ कि जल निगम वालेन ने गांव में कनेक्शन धारक की एक जल समिति बना के टंकी हैण्डोवर करी हती। जोन कनेक्शन धारक हें ऊं कनेक्शन को रूपइया जमा नई करत हें। जभे की ओई रूपइया से आपरेटर की वेतन ओर टंकी की सब व्यवस्था करनी हे। एई से टंकी बन्द हे। अगर कनेक्शन धारक रूपइया जमा कर दें तो टंकी चालू करा दई जेहे।
पानी के तबाई को आउत हे सीजन
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