चित्रकूट जिला के नदी मंदाकिनी दूसर यमुना। इं नदिया पन्द्रह दिन से जिला मा आपन कहर ढाये हवै। उनके गोड़ पसारै से कइयौ गांवन मा बाढ़ आ गई हवै।
हिंया तक कि मड़इन का रहै खातिर घर अउर सामान सबै बहिगा हवै। या बरस बारिष चालिस बरस का रिकार्ड तोड़ दिहिस हवै। यहिसे पहिले चित्रकूट जिला मा सूखा परत रहै। पहिले मड़ई मानता मानत रहै कि पानी बरसै तौ फसल नींक होइ, पै या दरकी तौ येत्ती बारिष भे कि मड़इन का खाब पियब अउर रहब मुष्किल कइ दिहिस हवै। का इनतान के समस्या का सुलझावै अउर रोकै खातिर सरकार के लगे पहिले से कउनौ व्यवस्था नहीं रहत आय। जबै मूड मा पानी आ जात हवै तबै हर समस्या का खतम करै के सोचत हवै। जिला मा हजारन मड़ई बाढ़ से परेषान हवै।
का सरकार का यहिके कउनौ चिंता नहीं आय। जबैकि पता भी रहत हवै कि बाढ़ प्रभावित इलाका कउन कउन हवै। अगर बाढ़ से बचाव करैं खातिर पहिले से मड़इन के रहै अउर उनकर सामान धरै के व्यवस्था होइ जाये तौ कम से कम गरीबन के गृहस्थी तौ बच सकत हवै। या एक सोचैं वाली बात हवै। तबहिने हर समस्या का खतम कीन जा सकत हवै।
पहिले सूखा अब बाढै़ बाढ़
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