चित्रकूट जिला मा 1 अक्टूबर 2013 का पहिचान पत्र बनावै खातिर सर्वे होत हवै। जेहिकर नाम पहिचान पत्र मा गलत हवै उंई आपन नाम सही करवा लें अउर जउन 18 बरस का होइगा हवै तौ नवा पहिचान पत्र बनवा लें। या कहिस डोड़ामाफी गांव का शिक्षा मित्र रमेश।
मानिकपुर ब्लाक, गांव बंधा भीतर के रंची अउर बगरहा गांव के सुरतिया का कहब हवै कि पहिचान पत्र बनावै खातिर हर बरस फोटो लइ लीन जात हवै। हमार पहिचान पत्र तबहूं नहीं बनत आय। यहै से वोट नहीं डार पाइत हन। अगर कउनौ मड़इन का पहिचान पत्र बन भी जात हवै तौ उनका नाम पहिचान पत्र मा गलत लिखा रहत हवै। यहिसे कइयौतान के समस्या का सामना करै का परत हवै। मडऱ्इं आपन काम धंधा छोड़के पहिचान पत्र बनवावै जात हवै, पै कुछौ काम नहीं होइ पावत आय।
गांव गोड़ा का कोरारी पुरवा के पांच मड़इन का कहब हवै कि पहिचान पत्र मा गलत नाम चढ़ा हवै। जबै कि हमार सही नाम पहिचान पत्र मा नहीं लिखा आय। नाम सही करावैं खातिर कइयौ दरकी निर्वाचन विभाग गयेन, पै खाली हाथ लउटै का परत हवै। डोड़ामाफी के गांव शिक्षा मित्र रमेश कहिस-“ 1 अक्टूबर 2013 से सर्वे होत हवै। मड़ई आपन पहिचान पत्र बनवा लें। नहीं परेशान होय का पर सकत हवै।
पहिचान पत्र खातिंर होत सर्वें
पिछला लेख