नई दिल्ली। ईरान और दुनिया की छह महाशक्तियों के बीच परमाणु कार्यक्रम पर ऐतिहासिक सहमति हुई है। ये सहमति भारत समेत ईरान से तेल खरीदने वालों के लिए अच्छी खबर है।स्विट्ज़रलैंड के लुसाने शहर में ईरान तथा दुनिया की छह महाशाक्तियों के बीच 14 जुलाई को यह समझौता हुआ। राष्टंपति बराक ओबामा ने व्हाइट हाउस में कहा यह एक अच्छा समझौता है। उन्होंने कहा अगर इसे पूरी तरह लागू कर दिया जाए तो इससे परमाणु हथियार बनाने की दिशा में बढ़ने वाले ईरान के सभी रास्ते बंद हो जाएंगे और अगर ईरान भरोसा तोड़ता है तो दुनिया को पता चल जाएगा। ओबामा ने कहा कि अमेरिका ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, रूस, चीन और यूरोपीय संघ ने अमेरिका के साथ मिलकर इस समझौते की रूपरेखा तैयार करने में सफलता प्राप्त की है।
समझौते में हैं ये शर्तें
1. ईरान यूरेनियम एक विस्फोटक पदार्थ को बढ़ाने में लगे अपने मौजूदा प्रोग्रम में कटौती करेगा।
2. इस कार्यक्रम पर अंतर्राष्टंीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी 1⁄4आईएईए1⁄2 नज़र रखेगी।
3. ईरान अरब में स्थित भारी जल के अपने रियक्टर को दोबारा बनाएगा, ताकि इनसे परमाणु हथियार बनाने लायक सामग्री का उत्पादन न हो।
4. भारत चीन के बाद ईरान का दूसरा सबसे बड़ा तेल खरीदने वाला देश है। अमेरिका के दबाव में भारत ने तेहरान से खरीदने वाले तेल की मात्रा में कटौती की है। ईरान पर लगी मौजूदा पाबंदी के कारण से वह रोज़ाना दस लाख से ग्यारह लाख बैरल तेल का निर्यात नहीं कर सकता। ईरान के साथ समझौता अभी हुआ नहीं है।