नई दिल्ली। विवाह जैसी संस्था के भीतर भी बलात्कार की घटनाएं घटती हैं। कई बार पत्नी को भी पति द्वारा बलात्कार किए जाने का सामना करना पड़ता है। शादी के भीतर बलात्कार होने की घटनाओं के विरोध में लड़ रही एक संस्था ने दिल्ली हाई कोर्ट में 15 जनवरी को एक याचिका डाली है। इस याचिका में बलात्कार की
धारा 375 में संशोधन की मांग की है।
अभी तक धारा 375 के तहत शादी के भीतर बिना पत्नी की मर्जी या फिर जबरदस्ती यौन संबंध बनाने को बलात्कार नहीं माना गया है। इसमें साफ कहा गया है कि पति और पत्नी के बीच बना यौन संबंध तभी बलात्कार माना जाएगा जबकि पत्नी की उम्र पंद्रह साल से कम हो। गैर सरकारी संगठन की तरफ से वकील लोहिताक्षा शुक्ला ने बताया कि यह कानून पति को पत्नी के साथ बलात्कार करने की छूट देता है। उन्होंने कहा कि संविधान में दर्ज आर्टिकल 14 में सभी को बराबरी का अधिकार दिया गया है तो फिर बलात्कार के कानून मामले में यह गैर बराबरी क्यों? विवाहित या फिर गैर विवाहित किसी भी औरत की मर्जी के बिना उससे चाहे उसका पति या फिर कोई अन्य संबंध बनाए, उसे बलात्कार ही माना जाना चाहिए।
पत्नी से जबरदस्ती बनाया गया यौन संबंध माना जाए बलात्कार
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