लगभग छ: महीने पहले कच्छ के गांधीधाम के सोलंकी ने अहमदाबाद के नजदीक वरमोर की उर्मिला जाला से उसके परिवार की मर्जी के खिलाफ जा कर शादी की थी। उर्मिला के परिवार वाले मई के महीने में उसे यह कह कर घर ले आए कि कुछ दिन बाद उसे वापस भेज देंगे। पुलिस ने यह भी बताया कि उर्मिला दो माह की गर्भवती है।
कथित तौर पर सोमवार शाम के समय अहमदाबाद जिले के वरमोर गांव में 25 वर्षिय दलित युवक सोलंकी को उसकी पत्नी के उच्च जाति के रिश्तेदारों ने मार डाला। पुलिस ने बताया कि हरीश कुमार सोलंकी को उसकी पत्नी के घर के सामने पत्नी के रिश्तेदारों ने उस समय मार डाला जब महिला हेल्पलाइन टीम के सदस्य उनका आपसी विवाद सुलझाने पहुंचे थे। पुलिस के अनुसार कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। सोलंकी की पत्नी उर्मिला के पिता दशरथ सिंह जाला इसमें मुख्य आरोपी है।
कच्छ के गांधीधाम के रहने वाले सोलंकी ने अहमदाबाद के नजदीक वरमोर की उर्मिला से छः महीने पहले शादी की थी। उर्मिला के परिवार वाले मई के महीने में उसे वापस ले आए थे। पुलिस ने बताया कि उर्मिला दो माह की गर्भवती है।
सोलंकी ने महिला हेल्पलाइन नंबर 181 अभयम से मदद मांगी। उसने कहा कि उसकी पत्नी दो माह से गर्भवती है इसीलिए उसके ससुर दशरथ सिंह जाला उसकी पत्नी को उसके साथ कच्छ वापस आने दें, इस मामले में अभयम उसकी मदद करे।
परेशानी में घिरी महिलाओं के लिए 181 अभयम मददगार होती है। आमतौर पर यह कुछ कांऊसलर्स की टीम होती है जो मदद चाहने वालों में समझाइश करवाती है। इस केस में सोलंकी के साथ अभयम की टीम और एक महिला पुलिसकर्मी थी जिसके पास हथियार नहीं था।
पुलिस ने बताया कि जब कांउंसलर जब उर्मिला के परिवार से बात कर रहे थे, सोलंकी उस समय सरकारी गाड़ी में उर्मिला के घर के बाहर कार में बैठा था। भाविका ने बताया कि कांउंसलर जो सोलंकी के साथ ही आए थे उन्होंने समझाइश की। दशरथ सिंह जाला और उर्मिला की काउंसलिंग 20 मिनिट तक चली। इस दौरान हरीश सरकारी गाड़ी में आगे, ड्राईवर के साथ वाली सीट पर बैठा था। लगभग सात बजे जब काउंसलिंग खतम हुई और हम घर के बाहर आ कर कार की ओर बढ़ रहे थे कि उसी समय दशरथ सिंह जाला के साथ आठ लोग वहां पहुंच गए। उन्होंने हरीश को पकड़ कर बाहर निकाला और उस पर चाकू, तलवार, ड़ंड़ों और रॉड से हमला कर दिया। अभयम टीम पर भी हमला हुआ। हमने उसी समय पुलिस को मदद के लिए फोन किया। भाविका ने यह सब अपनी पुलिस कंप्लेंट में दर्ज करवाया है। पुलिस ने दशरथ सिंह जाला को मुख्य आरोपी मानते हुए आठ लोगों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की है।
‘हमने भगोड़ों के खिलाफ कई टीमें गठित की हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के बयान भी लिए गए हैं जिससे आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सकें।’ पी डी मनवार, अहमदाबाद के डिप्टी एस पी, ग्रामीण एस सी/ एस टी।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब उर्मिला के परिवार को पता लगा कि सोलंकी भी 181 अभयम टीम के साथ आया है और वह इतनी देर सरकारी गाड़ी में बाहर बैठा था, यह जान कर वे गुस्सा हो गए। पुलिस ने बताया कि इस मामले में एक गिरफ्तारी हुई है।
IPC की धाराओं और अत्याचार पर कानून की धारा 302 (हत्या), धारा 332 (सरकारी कर्मचारियों को ड्यूटी पर जाने से रोके रखना), धारा 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला करने), धारा 341 (ग़लत संयम का प्रर्दशन) धारा 143 (ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से इकट्ठा होना) धारा 147 (जान से मारने वाले हथियारों के साथ दंगे भड़काना) के तहत दशरथ सिंह जाला, हंसमुख सिंह, जयदीप सिंह, अजय सिंह, अनूप सिंह, हरीश चंद्रसिंह, परगट सिंह, इंद्रराज सिंह इन आठों को आरोपी मानते हुए केस दर्ज किया है।
‘हत्या के बाद पुलिस के पहुंचने से पहले पूरा परिवार गांव छोड़ कर भाग गया। अंदेशा है कि सोलंकी की पत्नी उर्मिला को उसके माता-पिता और अन्य परिवारजन जबरदस्ती अपने साथ ले गए। हम ऐसा मान रहे हैं कि उसे परिवार और अन्य लोगों के सोलंकी को मार डालने के प्लान के बारे में जानकारी नहीं थी।’ प्रवीन मीना, ए सी पी वीरमगाम, अहमदाबाद ग्रामीण।
सोलंकी के परिवार ने बताया कि दोनों पहली बार मेहसाणा जिले के कड़ी में मिले थे।
सोलंकी की मां ने बताया कि वह दसवीं कक्षा तक पढ़ा था और कच्छ में कहीं प्राइवेट सेक्टर में नौकरी कर रहा था। कुछ वर्ष पहले वह कड़ी के बॉएज़ हॉस्टल में रूका था। वहीं वह उर्मिला से पहली बार मिला। वहां कॉलेज में उर्मिला पढ़ती थी और वहीं के गर्ल्स हॉस्टल में रहती थी। वे वहां मिले और बादमें उन्होंने शादी करने का निर्णय लिया।