जिला वाराणसी। पिछले दिनों रविदास जयंती पूरे देश में धूमधाम से मनाई गई। बनारस में भी रविदास जंयती पूरे हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। यहां का रविदास जयंती इसलिए भी खास है क्योंकि यहां पर रविदास जी का जन्म स्थल है। लेकिन इस बार का रविदास जयंती कुछ ज्यादा ही खास हो गया। और इसे खास बनाया हमारे देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द्र केजरीवाल। इस दिन ये दोनों नेता बनारस में ही थे। बनारस में ना सिर्फ बनारस के लोगों में इसकी धूम है बल्कि कई अलग-अलग राज्यों से भी लोग यहां पर आते हैं। इस त्योहार के तेजी से बढ़ते चलन को लेकर हमने बात की पंजाब राज्य के शरमन सिंह गेरा से।
सवाल- शरमन जी आप कितने दिनों से यहां पर आ रहें है?
जवाब- जी मैं तो यहां पर करीब पचास सालों से लगातार आ रहा हूं।
सवाल- आप यहां पर कैसे आना शुरू किए क्या किसी के साथ आए या फिर कैसे?
जवाब- जी हम लोग रविदास बाबा को पीढ़ीयों से मनाते आ रहे हैं। पहले हमारे पंजाब से लोग यहां पर नहीं आते थे। हम लोगों ने पता किया कि रविदास जी का जन्म स्थल कहां है। फिर हम यहां तक पहुंचे है। हमारे साथ हमारे चाचा तमरीत सिंह गेरा, बलविन्दर सिंह गेरा और कुछ दोस्त आए थे।
सवाल- पहले से अब में क्या बदलाव आया है रविदास जी का जयंती मनाने में?
जवाब- जी पहले तो यहां पर बहुत कम लोग आते थे। पंजाब से हम ही लोगों ने शुरू किया। यहां से भी कम लोग ही थे। धीरे-धीरे यहां पर मन्दिर बना। अब तो राजनेता भी आ रहे है। सबकी अपनी-अपनी चाल है। वोट लेने की। लेकिन आस्थ तो आस्था। हमारी तो आस्था है।
पचास सालों से आता हूं जी
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