बिहार के शिवहर और सीतामढ़ी जिला में 2007 में सभी पंचायतों के मुखिया द्वारा पंचायत के वार्ड में सोलर लाइटें लगाई गई। यह लाइटें कुछ दिन जलने के बाद खराब हो गई। पुरे बिहार में सत्ताइस करोड़ रूपए का सोलर लाइट घोटाला हुआ है। जिस में कुछ मुखिया पर पांच साल से पटना हाई कोर्ट में केस चल रहा है।
शिवहर जिला के के कुषहर गांव, पासवान टोला, वार्ड नम्बर दस में लगभग पांच साल पहले एक सोलर लाइट लगाई गई। लेकिन वह एक साल चलने के बाद खराब पड़ी है। मुखिया उपेन्द्र साह का कहना है कि सोलर लाइट बनवाने के लिए हमारे फण्ड में बजट नहीं है।
सीतामढ़ी जिला में रीगा प्रखण्ड के हरिपुर गांव में सोलर लाइट मिली और कुछ वार्ड में सोलर लाइट से लोग वंचित रह गए।
डुमरा प्रखण्ड विकास पदाधिकारी सन्नी सौरभ और पंचायती राज पदाधिकारी अजय कुमार चैबे का कहना है कि सोलर लाइट घोटाले पर पटना हाई कोर्ट से केस चल रहा है।
बिहार के सभी जिलों में यह घोटाला सामने आया है केन्द्र सरकार की अक्षय उर्जा योजना के तहत सोलर लाइट खरीदकर लगानी थी। इसमें मुखिया, बी.डी.ओ. और दो सौ से ज्यादा सरकारी अधिकारियों ने सस्ते सोलर पैनल और बैट्री खरीदकर महंगे बिल जमा किए। सीतामढ़ी जिले में प्रषासन ने दो सौ सताइस मुखिया के खिलाफ एफ.आई.आर दर्ज की है। यह मामला तब सामने आया जब नागरिक अधिकार में चनाम कि संस्था ने अरजी डालकर इस घोटाले की सी.बी.आई. द्वारा जांच की मांग की।
न बजट है, न स्कीम
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