राज्य हरियाणा, जिला हिसार। ज़िले के भगाना गांव में सामूहिक बलात्कार का सामना करने वाली लड़कियों के समर्थक और पुलिस 4 जून को आमने सामने आ गए। दरअसल 16 अप्रैल से जंतर मंतर में इंसाफ की मांग लिए धरने पर बैठे करीब 35 लोगों का टेंट उखाड़कर उन्हें वहां से हटाने की कोशिश की गई। इतना ही नहीं जंतर मंतर और आसपास के इलाकों में धारा 144 (कर्फ्यू के दौरान लगाने वाली धारा) लगा दी गई। जब इन लोगों ने न्याय की गुहार लगाने के लिए संसद भवन जाने की कोशिश की तो पुलिस ने इन्हें जबरन रोका।
गांव के ही जाट समुदाय के लड़को ने 23 मार्च को चार नाबालिग लड़कियों का बलात्कार किया था। आरोपी तो गिरफ्तार कर लिए गए हैं पर अब मुआवजे़ और खाप पंचायतों द्वारा इस समुदाय का जो सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया है उसमें कानूनी कार्रवाई करने और बराबरी का अधिकार दिलाने की मांग को लेकर धरना हो रहा है।
पुलिस का रवैया
दलित समुदाय की लड़कियों के साथ छेड़छाड़ तो आम बात है। बलात्कार की घटनाएं भी राज्य में घटती रहती हैं। 28 साल के जगदीश काजला ने बताया कि हाल की घटना को लेकर जब हम थाने गए तो पुलिस ने कहा यहां तो ऐसी ढेर सारी घटनाएं होती रहती हैं, सभी की एफ.आई.आर. लिखना कैसे संभव है।
‘स्कूल जाते वक्त जाटों के लड़के हमें छेड़ते हैं। स्कूल से छुट्टी के समय बाहर खड़े रहते हैं। सीटियां बजाते हैं। गंदी गंदी बातें हमें सुना सुनाकर जोर जोर से करते हैं।’ – बलात्कार का सामना करने वाली लड़कियों ने बताया