जिला ललितपुर, गांव बरौन जब से नोट बदली भई तब से सब आदमियन को परेशानी हो रई। एसे ही ललितपुर के दर्जीयन को भी भोत परेशानी हो रई। काय के जिनके कपडा सिलबे डरे बे उठाबे नइ आ रए और कोऊ डारबे नइ आ रओ। जाके मारे सिलाई मशीने बंद धरी।
दिलावर अली ने बताई के हम सिलाई को काम करत हम जो काम भोत दिन से कर रए। हम बैग, सलवार, शूट, पेंट, शर्ट, सब सिल लेत। लेकिन जामे कोनऊ फायदा नइया मजूरी के बराबर परत बोतो। अब अपने मोड़ी मोड़ा पालने सो करने ही हे। अब कोऊ कपडा उठा नई रओ तो कोऊ डाल नइ रओ।
इमरान ने बताई के हम सिलाई को काम चालीस साल से कर रए। बेसे भी मजूरी के हिसाब से परत तो और चार साल से तो बेसे ही सूखा की साल पर रई। और अब जे नोट बदली हो गई सो और ज्यादा परेशानी हो रई। तय्यब खान ने बताई के जामे लाभ कछू नइया बोतो अपने मोड़ी मोड़ा पालने सो करने परत बो मजदूरी के बराबर हे।
रिपोर्टर- सुषमा