जिला चित्रकूट, ब्लाक मऊ,कस्बा खण्डेहा। हिंया के हसीना बानो कहिस कि लगभग पन्द्रह साल से सिकौहला बना के अपने घर का खर्चा चलावत हौं। यहिसे मोहिका बहुतै खुशी मिलत हवै।
हसीना बानो का कहब हवै कि मोरे चार लड़की अउर तीन लड़का हवै। मनसावा समीर खान मजूरी करत हवै। मजूरी भी रौजै नहीं लागत हवै। यहिसे घर का खर्चा नींकतान से नहीं चलत रहै। यहिसे मैं सिकौहला बनावत हौं। सिकौहला बन के तैयार होई जात हवै तौ वहिका बेंचत हौं। मडइ सिकौहला खरीदत हवैं। यहिसे कमाई होइ जात हवैं। खर्चा बहुतै नीक से चलावत हौं। अपने हाथ मा हुनर होय जरुरी हवै। नही तौ एक एक रुपिया खातिर परेशान हाये का परत हवै।
नींक से चलावत खर्चा
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