सीतामढ़ी अउर शिवहर, जिला में लगभग पैतीसो पुल टुटल हई। जेइपर लगतार घटना हो रहल हई। लेकिन ओई पर केकरो ध्यान न जाई छई। अगर पुल बनबो करई छई उहों बरसाते में शुरू होई छई। जेई कारण सालोभर के पुल तैयार हो पवई छई। अउर लोग सब के सालो भर समस्या लगले रहई छई।
सरकार के इ नियम से जनता के बड़ा दिक्कत होई छई। उनका सब के कहना हई कि टेन्डर वाला पुरे साल बैइठ के आ बरसात में पुल बनावे के शुरू करई छथिन। जेइसे ड्राइभर्सन माहे आवे जाए में बड़ा परेशानी होई छई। केतना केतना दिन तक यातायात बाधित हो जाई छई। जहां पुल बनबो कैलक त ओई के मजबुती मे कटौती क देलक या लम्बाई चैराइ में भी कमी क देलक। जेई कारण पुल बनला के तुरंत बाद ही दुनु तरफ से टूटे लगई छई। अउर ओई पर घटना होइत रहई छई, कोई सुने ला तैयार न होई छई। सरकार के पुल बनावे मे लाखों करोड़ो रूपईया लगई छई। उ पुल तुरंत टूट जतई त पुल बनायला के कोन फायदा होतई टेण्डर वाला सब के नियम हई कि पुल जई तारिका से बनाए कि पांच साल बनवते बनवते पुरा हो जाए। अउर ओकरा बाद गाड़ी घोड़ चले ताकि टूटबो करे त मरम्मती न करावे के पड़े। पुल बनयला के बाद कोनो घुम के न देखे अवई छई। यई पर सरकार के सोचे के चाहि अउर समय समय पर देख रेख करे के चाही कि एतना लागत से बनल पुल के स्थिति कि हई? अगर पुल बन रहल हई त उ उबेरी में ही बन जाय जइसे बरसात में लोग के दिक्कत न हो।
नियम में करू सुधार
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