इस साल जून के महीने में ओडिशा के नौगान में 1,700 हेक्टेयर जमीन पर एक दीवार बन रही है। इस दीवार में 1,253 हेक्टेयर वन भूमि प्रयोग हो रही है। ये राज्य सरकार की लैंड बैंक की भूमि है, जिसमें स्थानीय लोगों के आने की मनाही है। पर यहां कभी पांरपरिक रुप से चावल और मछली का उत्पादन होता था।
यहां पर भारी मात्रा में पुलिस की तैनाती है, जिसके चलते ग्रामीणों को इस जमीन को लेने के लिए अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ रहा है। 2011 में इस भूमि के लिए ग्रामीणों ने दक्षिण कोरिया की बड़ी इस्पात कम्पनी पोस्को के इस्पात संयंत्र स्थापित करने का विरोध किया। इसके चलते ही मार्च 2017 को पॉस्को ने ये जमीन राज्य सरकार को वापस कर दी। लेकिन राज्य सरकार ने इस भूमि को लैंड बैंक में वापस कर दी, लेकिन गांव वालों को ये भूमि लौटाई नहीं। विनिर्माण और बुनियादी ढांचे में निवेश को आकर्षित करने के प्रयास में राज्य सरकारें निजी भूमि और आम भूमि का प्रयोग लैंड बैंक बनाने में कर रही हैं। ओडिशा राज्य में 1200 हेक्टेयर ,छत्तीसगढ में 1700 हेक्टेयर, झारखंड में 93 हेक्टेयर भूमि इस तरह प्रयोग हो रही है। लैंड बैंक निर्माण कार्य में जमीन की उपलब्धिता को बनाने के लिए बनाया जाता है, जिससे निमार्ण कार्य जल्दी हो जाए। पर ये काम निजी निवेश में होने वाली परेशानी को कम करने के लिए किया जा रहा है।