सरकार जिला से लेके गांव तक केन्द्र अउर अस्पताल खोल देले छथिन। ताकि लोग सब के इलाज में रूपईया न लागे। लेकिन इ सुविधा लोग सब के कहां मिल रहल हई?
जईसे कि जिला में जनता के लेल जांच, दवाई चाहे जे भी जांच होये सब रहई छई। नाम अउर दिखावा के लेल सरकारी अस्पताल खुलल हई। इहां तक कि सूई के भी रूपईया लोग लेई छथिन। जईसे कि शिवहर जिला के सदर अस्पताल में मिनापुर बलहा के मरीज कहलथिन कि प्रसव करावे के समय भी सूई, दवाई लगई छई ओकर भी रूपईया लगई छई। झिटकहिया के एक मरीज कहलथिन कि खून जांच अउर एक्सरे के रूपईया भी लेल जाई छई। जेई कारण लोग इलाज करयले बिना ही घर चल जाई छथिन। त सरकारी सुविधा कोन काम के? अस्पताल कर्मी के ध्यान देवे के चाही कि सरकारी अस्पताल में कोन दलाल हई। जे रूपईया के मांग करई छई। जब सरकारी पदाधिकारी से रूपईया के पुछ-ताछ कयल जाई छई त लिखित मांग करई छथिन। ऐई लोग के इ भी पता न रहई छई कि कोन काम कहां हो रहल हई। जब रूपईया ही लगतई त सरकारी अस्पताल के कोन जरूरत हई। झूठ में गरीब के सहयोग के लेल विभाग में सुविधा रहई छई। सुविधा अबई छई गरीब के लेल अउर फायदा उठबई छथिन अस्पताल के लोग।
नाम अउर दिखावा के लेल सरकारी सुविधा
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