गुजरात में साल 2002 में हुए नरोदा गाम दंगे के मामले में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह 18 सितम्बर को गवाही देने अहमदाबाद की स्पेशल एसआईटी कोर्ट पहुंचे।
सूत्रों के अनुसार, अमित शाह ने कोर्ट को बताया कि माया कोडनानी उस दिन राज्य विधानसभा में 8.30 बजे मौजूद थी। जहां दंगे हुए नरोदा गाम में वह, वहां नहीं थीं। इसके साथ ही अमित शाह ने कहा कि इसके बाद 9.30 से 9.45 मैं सिविल अस्पताल में था और मैं वहां माया कोडनानी से मिला था।
गौरतलब है कि मामले में मुख्य आरोपी और पूर्व विधायक माया कोडनानी की अपील पर कोर्ट ने अमित शाह को समन जारी किया गया था। कोडनानी के अनुसार, जिस वक्त नरोदा गाम में दंगे हो रहे थे वह अमित शाह के साथ अहमदाबाद के शोला सिविल अस्पताल में मौजूद थीं। कोडनानी के इसी बयान पर कोर्ट ने अमित शाह को बतौर गवाह बयान देने के लिए हाजिर होने के लिए कहा था।
बता दें कि नरोदा गाम दंगे के दौरान 11 मुस्लिमों की हत्या हुई थी, जिसमें कोडनानी को मुख्य आरोपी बनाया गया था। केस में कोर्ट पहले ही कोडनानी को आजीवन कारावास की सज़ा सुना चुका है, हालांकि कोडनानी के खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर जमानत पर रिहा हैं। इस मामले में कुल 82 लोगों के खिलाफ सुनवाई हो रही है। कोडनानी को नरौदा पाटिया दंगा मामले में दोषी करार देते हुए 28 साल कैद की सजा सुनायी गयी है।
लेकिन सज़ा की सुनवाई के बाद भी, भाजपा अध्यक्ष ने उन्हें मासूम बतलाया है, लगता है ऐसा सिर्फ भारत देश में ही हो सकता है।