न्यू यार्क और वाशिंगटन, अमेरिका। 26 सितंबर से 1 अक्टूबर तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका का पहला दौरा चला। इस दौरान मोदी ने भारत और अमेरिका के रिश्ते मज़बूत करने और अमेरिका में रह रहे भारतीयों को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने दोनों देशों के साथ काम करने की ओर भी कदम बढ़ाया।
पहले चार दिन मोदी न्यू यार्क शहर में रहे। यहां वे नामी अमेरिकी व्यवसाइयों से मिले, अमेरिका में रह रहे भारतीयों से मिले और अमेरिका के कई बड़े नेताओं के साथ उनकी बैठक हुई। न्यू यार्क में मोदी ने ‘संयुक्त राष्ट्र’ संस्था की मीटिंग में एक सौ तिरान्बे देशों के प्रतिनिधियों को संबोधित किया। इस भाषण में भारत-पाकिस्तान संबंधों और आतंकवाद पर मोदी सख्ती से पेश आए।
अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन में मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा, उपराष्ट्रपति बाइडिन और राजमंत्री जौन कैरी से मिले। ओबामा और मोदी ने दो घंटे की खास बैठक के बाद 30 सितंबर को ‘चलें साथ साथ’ नाम का संयुक्त संदेश जारी किया। इसमें आने वाले सालों में दोनों देशों के करीबी रिश्ते और साथ में काम करने के की बात की गई है।
भारतीय पत्रकार पर हमला
न्यू यार्क, अमेरिका। मशहूर पत्रकार राजदीप सरदेसाई के सवालों से गुस्साए मोदी के कुछ समर्थकों ने 28 सितंबर को उनके साथ गाली गलौज और हाथापाई की।
सरदेसाई अमेरिका में रह रहे भारतीयों से मोदी के बारे में सवाल कर रहे थे जब कुछ लोगों को उनके सवाल मोदी के खिलाफ लगे और वे सरदेसाई की बात काटने लगे। नारेबाज़ी करते इन समर्थकों ने फिर धक्कामुक्की भी की। भाजपा नेता विजय जौली ने घटना पर अफसोस जताया।
वहां भी हैं विरोधी
जहां एक ओर नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में रह रहे अधिकतर भारतीयों पर अपना जादू चलाया, वहीं सड़कों पर ऐसे भी लोग नज़र आए जो मोदी के खिलाफ नारे लगा रहे थे। मोदी के समर्थकों के अनुसार उनके आने से अमेरिका में भारत की शान बढ़ी पर अमेरिका में ही मोदी के विरोधियों ने 2002 के गुजरात दंगों को याद करते हुए मोदी और उनके प्रधानमंत्री होने पर सवाल उठाए।