खबर लहरिया अखबार ने अपने नए रंग रूप में नया सफर शुरू कर दिया है। ग्रामीण और दूर दराज़ के लोगों की बातें और प्रशासन की जवाबदेही के साथ उन्हें खबरों का आकार देकर पिछले बारह सालों से खबर लहरिया अपने पाठकों का पसंददीदा अखबार बना हुआ है। उन्हीं पाठकों की मांग पर हमने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं।
चित्रकूट और बांदा जिलों के संस्करणों को मिलाकर एक संस्करण बनाने के पीछे हमारा नज़रिया साफ है। हम चाहते हैं एक जिले से निकलकर खबरें पास के दूसरे जिलों तक ज़्यादा से ज़्यादा पहुंचें। इनका असर व्यापक हो।
अब यह अखबार सारे रंगीन आठ पन्नों के साथ आपको मुख्यधारा के अखबार के आकार में मिलेगा। कई नए कालम जैसे उत्तर प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों पर खबर लहरिया के अलावा बतौर पत्रकार काम कर रही महिलाओं की राय, महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर खास नज़रिया जैसे कालम भी इसमें शामिल किए गए हैं। यानि अखबार में अब हम दूसरी महिला पत्रकारों की राय, उनके विश्लेषण और उनकी खबरें भी शामिल करेंगे। पाठकों की खास मांग पर राशिफल, बाज़ार भाव, स्वादिष्ट व्यंजनों के बनाने के तरीके भी होंगे।
खबर लहरिया के इस नए अवतार में पाठकों की हिस्सेदारी भी ज़्यादा होगी। उनकी राय और सुझाव भी इसमें शामिल किए जाएंगे। इसके अलावा हम अपनी नज़र को और गहराकर पूरे हफ्ते किसी एक मुद्दे पर खबर लहरिया के पत्रकारों से उसकी ज़मीनी सच्चाई की जांच कराकर आपके सामने लाएंगे। अखबार विकास और बदलाव का ज़रिया बने। संस्करणों को मिलाने का यह हमारा पहला प्रयोग है। हम चाहते हैं कि ज़्यादा से ज़्यादा लोग देश के एकमात्र क्षेत्रीय भाषा के साप्ताहिक अखबार के ऐतिहासिक सफर का हिस्सा बनें।
नए अवतार में खबर लहरिया
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