नई दिल्ली। भाजपा के नरेंद्र मोदी ने 26 मई को राष्ट्रपति और कई पड़ोसी देशों के नेेताओं की उपस्थिति में देश के पंद्रहवें प्रधानमंत्री के पद के लिए शपथ ली। इसी के साथ, पैंतालिस और नेताओं ने मंत्रीमंडल का हिस्सा बन शपथ ली। इसमें ज़्यादातर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता थे जिन्हें नई सरकार में महत्वपूर्ण पद और मंत्रालयों की जि़म्मेदारी दी गई है।
नरेंद्र मोदी के शपथ समारोह में पाकिस्तान प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ और श्री लंका के राष्ट्रपति राजापकसे भी आए। जहां एक ओर अमेरिका जैसे कई देशों ने शरीफ को न्यौता देने के लिए भारतीय सरकार की तारीफ की, वहीं दक्षिण भारत के कई राजनीतिक पार्टी, खासकर तमिलनाडू मुख्यमंत्री जयललिता ने श्री लंका की सरकार को आमंत्रित करने के फैसले की जमकर बुराई की क्योंकि श्री लंका देश में आज भी रह रहे तमिल लोगों के साथ कई भेदभाव होते हैं।
स्मृति इरानी, जो एक समय पर टी.वी. अभिनेत्री हुआ करती थीं, उन्हें शिक्षा मंत्री बनाया गया है। इस पर कई विरोधी पार्टियों ने सवाल भी उठाया क्योंकि उनके अनुसार बारहवीं पास इरानी इस मंत्रालय के लायक नहीं हैं। इरानी ने इस साल राहुल गांधी को अमेठी में कड़ी टक्कर दी थी।
अरुण जेटली भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। उन्हें रक्षा मंत्रालय के साथ साथ अभी के लिए वित्त मंत्री भी घोषित किया गया है। माना जा रहा है कि इस नए मंत्रालय में जेटली मोदी के बाद दूसरे हैं।
उमा भारती, जिन्हें भाजपा से कुछ साल पहले निकाल दिया था, उन्हें इस बार जल संसाधन और गंगा नदी के नवीकरण – दोनों की जि़म्मेदारी दी र्गइं हैं। उमा भारती ने झांसी से चुनाव जीता है और बुंदेलखंड की इकलौती नेता हैं जिन्हें मंत्रालय मिला है।