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नई मिलो मुआवजा, सदमा से गई जान

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पनारा गांव खे किसान

जिला महोबा, ब्लाक पनवाड़ी, गांव विजयपुर को मजरा पनारा। एते 2012 में अर्जुन सहायक परियोजना के तहत एक बांध निकरो हतो। जीमें हजारन किसानन की जमीन बांध के डूब क्षेत्र में चली गई हे। जीखो मुआवजा नई मिलो आय।

दलित बस्ती के रहे वाले मूलचन्द्र, सुन्दर लाल ओर परमेश्वरी दयाल ने बताओ कि हम लोगन खे बीस-बीस बीघा जमीन बांध के डूब क्षेत्र में चली गई हे। जोन दो चार बीघा जमीन बची हे ऊमे पानी भरो रहत हे। जीमे कोनऊ फसल तक नई बो पाउत हें। हमाई जमीन दो साल से खाली परी रहत हे। ई साल होय वाली बारिश से आदमियन की फसल बरबाद हो गई हे, पे हम खा तो हर साल बारिश ओर ओला खे बराबर मुशीबत झेले खा परत हे। ईखे मारे आपन परिवार को खर्चा चलाये खे लाने गांव से बाहर मजदूरी करें जात हें, ओर अपने बच्चन खा पेट पालत हें।
बालादीन बताउत हे कि 7 मार्च से 8 मार्च 2014 तक महोबा में लगभग दसन गांव के पचासन किसान आदमी आपन जमीन खे मुआवजा पाये खे लाने अनशन में बेठे हते। 8 मार्च तक कोनऊ अधिकारी भरोसा देय नई आओ, पे रात 9 बजे महोबा पुलिस ने भगा दओ। जेसे रात खा हम अपने घरे आये मोओे भइया कल्लू मर गओ। जभे हम अनशन में बेठे हते तभे तक ऊ नींक हतो। लागत हे मुआवजा न मिले खे सदमे से ऊखी मोत हो गई हे। ऊखो आराप हे कि सिंचाई विभाग वालेन ने धोखे से रजिस्ट्री करा लई हती। ऊपर से मुआवजा भी नई देत आय। जभे कि कहत हते कि जमीन के हिसाब से चार गुना ज्यादा मुआवजा दओ जेहे।
सिंचाई विभाग के सींच पर्यवेक्षक सुघरलाल ने बताओ कि ओते के सब किसानन खा मुआवजा मिल गओ हे, पे ऊ ओत्ते मुआवजे से सन्तुष्ट नइयां। जित्तो मुआवजा देय खा सरकार ने तय करो हतो। ओत्तई दओ गओ हे।