मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में किसान आंदोलन ने देशभर का ध्यान किसानों की समस्याओं की ओर खींच है। आपको जानकर हैरानी होगी कि देश के 70 प्रतिषत किसान परिवार अपनी आमदनी से ज्यादा खर्च करते हैं। यहीं एक बड़ा कारण हैं कि 9 करोड़ परिवार कर्जदार बन रहे हैं। आपको पता दें कि किसानों की आत्महत्या का एक बड़ा कारण कर्ज ही है।
आर्थिक रुप से कमजोर किसान परिवार दक्षिण भारत में अधिक हैं। आंध्र प्रदेश में 93 प्रतिशत, तेलंगाना 89 प्रतिशत और तमिलनाडु में 82.1 प्रतिशत परिवार कर्ज़ में हैं। यह आंकड़े राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के आंकड़ों पर आधारित हैं।
2015 में 55 प्रतिशत किसानों की आत्महत्या का मुख्य कारण कर्ज ही था। कम आमदनी के साथ बढ़ती स्वास्थ्य देखभाल भी किसानों को कर्जदार बन रही हैं। किसानों पर रिपोर्टिंग करने वाले पी साइनाथ रमन के अनुसार किसानों की आत्महत्या का एक बड़ा कारण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए लिया गया कर्ज है।
हाल ही में, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र ने 36,359 करोड़ रुपये और 30,000 करोड़ रुपये की कर्जमाफी की घोषण की है। पर देष में किसानों की समस्या का एक कारण अकेला कर्ज ही नहीं है, बल्कि बीज, खाद, सिंचाई की बढ़ती लागत, कम न्यूनतम समर्थन मूल्य और गोदामों की व्यवस्था नहीं होना भी है।
साभार: इंडियास्पेंड