बुंदेलखंड में आज भी लोग अपनी परम्परागत चीजों के साथ जी रहे हैं। आज युवा जहाँ कोल्डड्रिंक और रूहअफ़जा की बात करते हैं वहीँ गर्मियों में खिलने वाला पलाश का फूल जिसे टेसू का फूल भी कहा जाता है, उसका शर्बत यहाँ के लगभग सभी गांवों में लोकप्रिय है।
इस फूल के बारे में आपको बता दें कि आयुर्वेद में पलाश के पेड़ को ब्रह्मवृक्ष का नाम दिया गया है। यह गुणकारी वृक्ष कई तरह की बिमारियों से बचाने में मदद करता है। इसका अर्क नेत्रज्योति बढ़ाता है तथा बुद्धिवर्धक भी है। इसके सेवन से पित्त दोष संतुलित रहता है तथा पित्तजन्य रोगों से मुक्ति मिलती है। पलाश का शर्बत गर्मियों में लाभ के साथ–साथ शीतलता भी देता है।
महोबा के कामता प्रसाद का कहना है कि ये गर्मियों का फूल है जो अक्सर खुद ही झड़ कर गिर जाता है। हम इसे एकत्र कर पीस रख लेते हैं और फिर ठंडे पानी में मिला कर पीते हैं। ये किसी भी आधुनिक कोल्डड्रिंक से बहुत बेहतर हैं।
वहीँ, उमाशकर का कहना है कि लोग इसके बारे में ज्यादातर जानते नहीं है। जो जानते हैं उन्हें पता है कि यह फूल बहुत गुणकारी है। ये शरीर को ठंडा रखता है और लू से बचाता है। हम इसे पीस कर कर भरी गर्मियों में ठंडा पेय बनाते हैं।
रिपोर्टर- श्यामकली