जिला झांसी, गांव नट का मजरा केबे को तो सरकार बालश्रम पे बोहतई कछू कत लेकिन कितऊ कितऊ बच्चन के खेल दिखाबे से ही परिवार चल रओ। पांच साल तक के बच्चन से लेके ग्यारह साल तक के बच्चन से जो काम कराओ जात। पढ़ाई करबे की उमर में जे बच्चा खेल करके अपने परिवार को पेट पालत।जिला झांसी, गांव नट का मजरा केबे को तो सरकार बालश्रम पे बोहतई कछू कत लेकिन कितऊ कितऊ बच्चन के खेल दिखाबे से ही परिवार चल रओ। पांच साल तक के बच्चन से लेके ग्यारह साल तक के बच्चन से जो काम कराओ जात। पढ़ाई करबे की उमर में जे बच्चा खेल करके अपने परिवार को पेट पालत। आजाद खेल दिखाबे वाले ने बताई के जब बच्चा पांच छह साल के हो जात सोई खेल सिखाबो शुरू कर देत। छह महीना ट्रेनिंग देत फिर बे सीख जात। और उनकी हड्डी भी बेसी ही मुड़न लगती। रस्सी और लकड़ी वालो खेल सीखबे में एक दो साल लग जाती। बहुत से खेल दिखात हमाय बाप ने हमे सिखाओ अब हम अपने बच्चन को सिखा रए। हम ओरे खेल करबे के लाने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, लुधियाना, गुजरात सब जगह जात। अगर कोऊ मेला में बुलात तो उते भी जात और आस पास के गांव देहात में भी जात कोऊ कोऊ।
रिपोर्टर- सोनी