जिला चित्रकूट, ब्लाक रामनगर, गांव चौरहा का पुरवा पिकौर मा बिना घाट के तालाब बना हवै।तालाब के बारें मा हिंया के मड़ई बतावत हवै कि अठारह बीघा माँ बना गौल्लुवा तालाब सुन्दरीकरण का इंतजार करत हवै। घाट न बने के कारन या तालाब जानलेवा हवै, काहे से पूर गांव के मड़ई तालाब मा नहायें आवत हवैं पै शासन प्रशासन कुछौ ध्यान नहीं देत आय।
केशर देवी का कहब हवै कि घाट टूट होय से मड़इन के हाथ-गोड़ टूट जात हवैं अउर छोट-छोट बच्चा नल बिगड़े के कारन तालाब मा नहायें आवत हवै तौ डूबे का खतरा बना रहत हवै। पै येत्ती समस्या होय के बदौ प्रधान सुनत आय, न सरकार सुनत आय। बूढ़ भूरी बताइस कि तालाब मा गिरे के डेर लागत हवै, पै पकड़े-पकड़े कउनौतान उतर जात हौं। रानी देवी का कहब हवै कि तालाब मा मड़इन के हाथ-गोड़ टूट जात हवै। मड़ई जहां पावत हवै हुंवा पथरा धई के नहायें लागत हवै। का होत हवै दरखास दे से फोटो बस खींच के लई जात हवै, कुछौ काम नहीं होत आय। लालाशंकर का कहब हवै कि जानवरन अउर मड़इन खातिर घाट बन जायें तौ उतरे का अउर नहायें का आराम होई जायें। जानवरन का बाल्टी से पानी पियावै का पड़त हवैं। या जानलेवा तालाब मा अबै तक दुई मड़इन के जान भी जा चुकी हवै।
रोजगार सेवक अनूप सिंह कुशवाहा का कहब हवै कि सन 2008 मा घाट रैम्प बना रहै। दस साल होय के कारन टूट गा हवै, आगे भविष्य मा मरम्मत कराई जई। सचिव सुरेश चंद का कहब हवै कि दुबारा स्टीमेट बनवा के घाट बनवावा जई। बीडीओ शेर सिंह बहादुर का कहब हवै कि जबै तालाब का पानी कम होई तौ घाट बनवावा जई।
रिपोर्टर- सहोद्रा
Published on Mar 9, 2018