नई दिल्ली। दुनिया के आधे से ज़्यादा गरीबों को आज भी समाज कल्याण या सामाजिक सुरक्षा के लिए बनी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।
वर्ल्ड बैंक ने 7 जुलाई को स्टेट आॅफ सोशल सेफ्टी नेट, 2015 नाम से एक रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में यह सच्चाई सामने आई। रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में कुल गरीबों की पचपन प्रतिशत आबादी तक यह योजनाएं पहुंचती ही नहीं हैं। इसके अलावा शहरी इलाकों में गरीबी तेज़ी से बढ़ रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की पचपन प्रतिशत गरीब आबादी को तुरंत समाज कल्याण योजनाओं से जोड़ा जाना ज़रूरी है। कुल गरीब आबादी का तीन चैथाई हिस्सा निम्न मध्यम आय वाले देशों का है। एक तिहाई गरीब आबादी मध्यम आय वाले देशों की है। इस रिपोर्ट में 2030 तक दुनियाभर के सभी गरीबों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए बनाए गए वैश्विक कार्यक्रम का जि़क्र भी किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर ऐसा ही रहा तो यह कार्यक्रम सफल नहीं हो सकता।
इस कार्यक्रम का लक्ष्य गरीबों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाना, उन्हें सामाजिक और आर्थिक मदद करके प्राकृतिक आपदाओं के असर से बचाना, आर्थिक कमी को पूरा करना तय किया गया है। भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका और इथोपिया में चलने वाली योजनाओं की गहन छानबीन की गई है। निम्न आय और निम्न मध्यम आय वाले देशों में पच्चीस प्रतिशत लोग बहुत ज़्यादा गरीब हैं। जबकि मध्यम आय वाले देशों में यह आबादी चैसठ प्रतिशत है। अफ्रीकी देशों और दक्षिण एशियाई देशों में सबसे ज़्यादा गरीब हैं। यहां गरीबों की आबादी के दसवें हिस्से और सबसे गरीब आबादी के पांचवें हिस्से के लिए ही सामाजिक सुरक्षा योजनाएं हैं।