नई दिल्ली। दाल रोटी खाओ प्रभु के गुण गाओ। एक हिंदी फिल्म का यह गाना बेहद मशहूर हुआ था। इस गाने का सीधा मतलब था कि साधारण खाना खाओ और मस्त रहो। लेकिन क्या आज दाल को आम लोगों का खाना कहा जा सकता है? अरहर की दाल दो सौ रुपए किलो तक पहुंच गई। जबकि एक साल पहले यह दाल नब्बे से सौ रुपए किलो थी। प्रधानमंत्री ने अपनी कुर्सी संभालते वक्त यह दावा किया था कि वे महंगे होते राशन पर लगाम लगाएंगे। लेकिन आम जन में इस्तेमाल होने वाली दाल के दाम बेलगाम हो गए। हालांकि सरकार ने अब सरकारी स्टोरों में एक सौ बीस रुपए किलो दाल बेचना शुरू किया है। मगर स्टोरों तक कितने लोगों की पहुंच हो पाती है यह देखने वाली बात होगी।
दाल के सवाल पर मोदी घिरे
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