सीतामढ़ी जिला के सतरहों प्रखण्ड में पशु चिकित्सालय हई। लेकिन एक साल से कोई अस्पताल में दवा न जा रहल हई। ऐई दवा के अभाव में मवेशी के ईलाज न हो पवई छई। ऐई समस्या के लेल ग्रामीण लोग से लेके अधिकारी तक परेशान छथिन।
सब प्रखण्ड में रोजो पच्चासों लोग दवा के बीना वापस जाई छथिन। जब अठाईस लाख के भवन सरकार बना देले छथिन। लेकिन साल-साल भर अस्पताल में दवा न रहई छई। त इ अस्पताल बनायला के कोन काम। जई से गरीब लोग के कोई सुख न होई छई। जिनका पास रूपइया हई उ त बाहर से इलाज करवई छथिन, लेकिन जिनका रूपइया न हई। उनकर मवेशी इलाज अउर दवा के कारण मर जाई छई। गरीब आदमी करजा लेके मवेशी खरीदके पालई छथिन। लेकिन ओई से कोई लाभ न होये त ओकरा कि स्थिति होतई।
जिला पशुपालन पदाधिकारी के कहना हई कि दवा के लेल कम्पनी के साल भर से सोलह लाख के दवा बनावे के औडर देल गेलई। कब से हो रहल हई कि दवा आ जतई लेकिन आई तक न अलई। अब पन्द्रह दिन के डीमांड हई दवा उपलब्ध करावे के लेल देखल जाए की 2014 के जनवरी में भी दवा पूर्ति होई छईकि न।