यूपी, कासगंज के दलित युवक को घोड़ी पर चढ़ अपनी बरात निकालने की अनुमति आखिरकार मिल गई।
पुलिस ने विरोध करने वाले सवर्ण जाति के लोगों के साथ दलित युवक की बैठक कराई और दोनों पक्षों के बीच समझौता करा दिया। इस शर्त के साथ अनुमति दी गई कि बरात में किसी भी तरह से असलहा प्रदर्शन, फायरिंग नहीं होगी और शराब नहीं पी जाएगी।
बारात में कोई भी राजनैतिक व्यक्ति शामिल नहीं होगा। बरात में बजने वाला बैंड के जरिए अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं किया जाएगा। इन सब बातों को दलित पक्ष मान गया। दलित युवक की शादी 20 अप्रैल को होनी है।
बता दें कि जनवरी में गणतंत्र दिवस वाले दिन हिंसा में झुलसने वाले कासगंज जिले में पुलिस ने एक दलित युवक को घोड़ी पर चढ़कर बारात निकालने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। पुलिस का कहना था कि इससे इलाके में माहौल खराब होगा।
इसके बाद युवक ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अनुमति के लिए याचिका दाखिल की थी। दलित युवक ने हाईकोर्ट से कहा था कि गांव की सवर्ण बिरादरी के लोग उसे घोड़ी पर नहीं चढ़ने दे रहे हैं। दूल्हे की अर्जी निस्तारित करते हुए हाईकोर्ट ने पिछले दिनों कहा कि यह कानून-व्यवस्था का मामला है। लिहाजा, दूल्हा स्थानीय पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराए या न्यायालय में केस करे। संजय की शादी 20 अप्रैल को निजामपुर गांव की शीतल के साथ होनी है।