जिला फैजाबाद, कस्बा बछड़ा सुल्तानपुर। यहां जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) के तहत बने आवास की गुणवत्ता पर लोग सवाल उठा रहे हैं। जिन लोगों को यह आवास मिले हैं उनका कहना है कि इन्हें खराब गुणवत्ता की सामग्री से बनाया जा रहा है।
यहां के पंडित नंद किशोर ने बताया कि हमारे घर में छप्पर छाया हुआ था। बरसात आई और यह गिर गया। हमें पता चला कि सरकार ने एक योजना शुरू की है। जिसमें पहले दस हज़ार रुपए विभाग को जमा करने पड़ेंगे। जब घर पक्का बन जाएगा उसके बाद फिर पंद्रह हजार रुपए जमा करने पड़ेंगे। सीमेंट, बालू सरिया, ईंटा सारा सामान विभाग ही खरीदकर कारीगरों को देता है। हमें जब पक्का घर मिला तो हम बहुत खुश थे लेकिन बाद में पता चला कि प्लास्टर लगातार झड़ रहा है।
पक्का घर पा चुके एक दूसरे व्यक्ति सुनील ने बताया कि घर मिले अभी कुछ ही दिन हुए हैं लेकिन कमरा चिटकना शुरू हो गया है। बरसात होगी तो पूरा घर रिसेगा। एक दूसरे व्यक्ति हनुमान प्रसाद ने बताया कि दो साल पहले हमारा पक्का घर विभाग ने बनवाकर दिया था। घर मिलने के एक हफ्ते बाद ही छत गिर गई। हम मरते मरते बचे। श्रीनारायण पाण्डेय ने पच्चीस हजार में से दस हजार रुपए दिए हैं। 2012 में पक्का घर बनना शुरू हुआ था। लेकिन अभी तक आधा घर ही बन पाया है। सिर्फ बाहर प्लास्टर हुआ है। अंदर की जमीन कच्ची पड़ी है। इन पक्के आवासों में दो कमरे, बाथरूम और किचन बनवाए जा रहे हैं।
डूडा विभाग फैजाबाद के परियोजना अधिकारी दिवाकर यादव ने बताया कि घरों में हो रही गड़बडि़यों के बारे में हमें अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है। हम जल्दी ही जांच करवाने के बारे में सोचेंगे। पूरे जिले में ग्यारह सौ सत्तानवे आवास बनने हैं। अभी आठ सौ पचास आवास बन रहे हैं। बाकी अभी शुरू करने हैं।
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