“हम तो बहुत घूमे हैं।” ये कहना है आनंद राम और उनकी पत्नी कस्तूरी का।
दस साल पहले राजस्थान के आनंद राम का परिवार महोबा आ कर बस गया और तभी से यहाँ सफेद सीमेंट की मूर्तियाँ और खिलौने बना कर अपना परिवार चला रहे हैं। उनके हाथों का कौशल लोगों को साल भर देखने को मिलता है।
आनंद राम की पत्नी कस्तूरी का कहना है कि हम पिछले दस सालों से मूर्तियाँ और खिलौने बना रहे हैं। यह हम राजस्थान से ही बनाना सीखे हैं। वहां गाँव में लगभग सभी मूर्तियाँ बनाते हैं। वहां मार्बल और पत्थर की मूर्तियाँ बनायीं जाती हैं। इन्हें बनाने के लिए हमारे पास सांचे होते हैं जिनमें सीमेंट बना कर आकृति दी जाती है बाद में उनमें रंग भर कर सूखने के लिए रख दिया जाता है।
इस बारे में आनंदराम कहते हैं, यह धंधा 12 महीनें चलता है। इसलिए इनकी मांग हमेशा बनी रहती हैं। हम लोगों की मांग के हिसाब से खिलौने और भगवान की मूर्तियाँ बनाते हैं। इनका मूल्य 20, 50 और 100 तक रखा जाता है।
तोता मिट्ठू से लेकर साईं बाबा और देवियों की मूर्तियाँ बनाने के अलावा, बच्चों के कई सारे खिलौने भी बनाते हैं।
रिपोर्टर- सुनीता प्रजापति
31/03/2017 को प्रकाशित