तेलंगाना ऐसा पहला राज्य बन गया है जिसने बिना वही घिसी पिटी बातें बोले स्नातक स्तर पर अनिवार्य जेंडर शिक्षा शुरू की है। जेंडर शिक्षा की इस द्विभाषी पाठ्यपुस्तक का नाम है, ‘टुवर्ड्स ए वर्ल्ड ऑफ इकुएल्स’ (समकक्ष व्यक्तियों की दुनिया की ओर)।
इस किताब को जवाहरलाल नेहरू प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जे एन टी यू – हैदराबाद) से सम्बद्ध इंजीनियरिंग कॉलेजों में शुरू किया गया है। ये जेंडर की पूर्ण रूप से व्याख्या करती है और उसे केवल औरतों के खिलाफ हिंसा तक सीमित नहीं करती। तेलंगाना में महिला लेखकों पर सूचना की कमी से लेकर लिंग चुनाव तक, अर्थव्यवस्था और राजनीति में औरतों के योगदान से लेकर दुनिया के विभिन्न महिला आंदोलनों तक – ये किताब सब पर चर्चा करती है।
आसान भाषा में लिखी इस किताब के साथ ही विद्यार्थियों को देखने के लिए कई डॉक्युमेंटी फिल्म भी दी जा रही हैं। इस किताब को चैदह हफ्ते में हर हफ्ते में दो क्लास लेते हुए पढ़ाया जा रहा है। 9 सदस्यों के पैनल ने जिसमें सभी महिलाएं थीं और जिसने इस किताब निर्माण किया पंद्रह से चालीस शिक्षकों के समूह बना कर कई ट्रेनिंग कार्यशालाएं की हैं ताकि वे जान सकें कि इस किताब को कैसे पढ़ाना है।