नई दिल्ली। ‘बदन पे सितारे लपेटे हुए’…’दर्द ए दिल’… इसी तरह के गुज़रे ज़माने के कुछ मशहूर फिल्मी गानों से माहौल गूंज उठा। लोग इन गानों की धुन पर थिरकने लगे और ज़ोरदार तालियों के साथ हर गाने के बाद गायकों की तारीफ। ये दस गायक पहली बार अपने संगीत को पेश कर रहे थे और वो भी दिल्ली की तिहाड़ जेल के अन्दर। जेल में संगीत – सुन के हैरान हुए न? ये दसों गायक जेल के ही कैदी हैं।
तिहाड़ जेल में इन दस कैदियों ने संगीत की अपनी एक टोली बनाई है जिसका नाम रखा है ‘फ्लाइंग सोल्स’ यानि ‘उड़ती हुई रूह’। जेल में रहने के बावजूद और संगीत न सीखने के बावजूद इन दस लोगों ने जेल में बंद होने के बाद भी अपनी रूह को संगीत के साथ उड़ान भरने का मौका दिया है।
इन दस लोगों में से कई हैं जिन्हें सज़ा सुना दी गयी है, और कुछ ऐसे हैं जिनके केस अभी चल रहे हैं। इन्दर पाल सिंह, सरबजीत चड्ढा, रणदीप सिंह, अनुज कुट्टी जैसे बाकी कैदियों को दिल्ली की एक मशहूर संगीत टोली से संगीत सीखने में थोड़ी बहुत मदद मिली। और फिर तिहाड़ जेल के बगीचे में उन्होंने सुनने वालों का मन मोह लिया। सुनने वाले जेल के ही कर्मचारी और अधिकारी थे और बाकी के कैदी। इस टोली ने एक के बाद एक कई गाने गाये और साथ में बाजे भी खुद ही बजाये। फिल्मी गानों के अलावा जब उन्होंने अपना बनाया गाना ‘हे राम’ गाया तो लोगों का दिल जीत लिया।