महोबा का ऐतिहासिक तालाब बेलाताल- इसे अट्ठारहवीं शताब्दी में राजा परिक्षित ने अपनी पत्नी की याद में बनवाया था। इसलिए इसे प्यार की निशानी भी जाना जाता है। इस तालाब के नाम से कई स्थानीय गाने भी बने हैं। जैसे- मैं तो सफरन अई बेलाताल अकेली बेदी मछलिया ले जो गई। यह तालाब मछलियों के लिए भी मशहूर हैं। इस समय यहां अनेकों प्रकार के विदेशी पक्षी रहने के लिये आए हुए हैं।
तालाबों का शहर महोबा
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