जिला वाराणसी, ब्लाक चोलापुर,गावं कमना दलित बस्ती। इ बस्ती में करीब दस मेहरारू के विधवा पेंशन नाहीं मिलत हव। कोई चार साल से त कोई छः साल से कोई दू साल से विधवा हव। एक पेंशन पर हजार रूपिया मांगत हयन घुस।
इहंा के पार्वती, परेमा, भगो, सुरसती, कलना, राधा, चमेला इ लोगन के कहब हव कि हमने एतना दिन से विधवा हई लेकिन हमने के विधवा पेंशन नाहीं मिलत हव। हमने जब बनवावे के कहे त हमने से कहलन कि एक हजार दा त फारम भराई नाहीं त आलमारी पर रख्खल रही। रोजगार सेवक भी विधवा पेशंन के फारम भरत हयन। बेला के नसीम से कहली हमने के विधवा पेंशन के फारम भरवा दा। हमने से पाँच सौतीन सौ चार सौ लेहलन। लेकिन अभहीं तक कउनों सुनवाई नाहीं भयल।
रोजगार सेवक अनुराग के कहब हव कि अब प्रमाण पत्र बनवावे में लेखपाल लोग के सोलह सौ रूपिया चाहत हव। प्रधान धरमेन्द्र के कहब हव कि पइसा उपर के अधिकारी लोग खुद मंागत हयन। एक विधवा पेंशन पर दू हजार मांगत हयन। हम कई विधवा पेंशन के फारम भर के रखले हई।
लेखपाल कैलाश सिंह के कहब हव कि आय निवास प्रमाण पत्र बनवावे में एक सौ से दू सौ तक पइसा लगला। लेकिन सोलह सौ तक नाहीं लगत लोग झूठ बोलत हयन।
तरह तरह से तरसत हईन विधवा
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