20 अप्रैल 2013 के बारिस अउर पत्थराव से गहूँ के तईयार फसल नुकसान हो गेलई। एई आपदा के चपेट में सीतामढ़ी जिला के सोनबरसा, रीगा अउर डूमरा प्रखण्ड के लगभग हजारो किसान फसल छथिन।
रीगा के किसान मुन्ना सिंह, सतेन्द्र सिहं, रामजनम राउत सब कहलथिन कि एई बारिस में गहूँ के बाधल बोझा पानी में भीज गेलई। किसान केतना मेहनत अउर रूपईया लगाके खेती करई छथिन। समय-समय से आफद आके सब फसल खराब क देई छई। तब हम कि करियई। सरकार भी एई फसल के नुकसान पर कोई ध्यान न देई छथिन।
प्रखण्ड डूमरा ,गांव रोध के लोग रामजी महतो, मालति देवी कहलथिन कि हम सब बोडिंग से तीन-तीन बेर पानी पटइली 150 रूपईये घंटा बोडिंग वाला के देली। तब खाद पटइली कोन फायदा भेल। खेत में अतेक बनल गहूँ रहे सोचली कि एई बेर गहूँ के उपज बढ़िया हई। अतेक बारिस भेलई चार पांच दिन कि सब के सरा देलकई। हमरा सब के हिम्मत टूट गेल।
सोनबरसा के किसान नरेश महतो, सुरेन्द्र कुमार सब कहलथिन कि किसान अपन खुन-पसिना बहाके तब खेत में अनाज उपजबई छथिन मगर ऐइसने छति पहुचईत रहतई ,अउर कोई लाभ न मिलतई त किसान के मनोवल टूट जतई अउर खेती करे में असमय हो जतई। 2011 में ओतना बड़ा बाढ आयल रहई। जेइमें पुरा ऐरिया डूबला से किसान के कुछो न बचलई। ओई में त सरकार सीतामढ़ी के बाढ़ से पिड़ित धोषीत न कलथिन अउर किसान के कुछो न मिललई। सोनबरसा प्रखण्ड के कृषि पदाधिकारी विनोद राय अउर रीगा प्रखण्ड के कृषि पदाधिकारी उर्वशी वर्मा कहलथिन कि एई अपदा पूर्ति के लेल जिला से कोई आवेदन न मिलई छई तब हम कुछो न कर सकई छी।
तईयार फसल भेल नुकसान
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