साल 2014 की पहली हिट फिल्म रही ‘डेढ़ इश्कििया’। फिल्म में माधुरी दीक्षित की वापसी ने सभी का दिल जीत लिया पर जहां कुछ लोगों ने फिल्म को सराहा, वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों का मानना है कि इसके पहले आई फिल्म ‘इश्कििया’ उन्हें ज़्यादा पसंद आई।
‘डेढ़ इश्कििया’ में ‘इश्कििया’ के कुछ किरदारोें से फिर हमारी मुलाकात होती है। नसीरुद्दीन शाह फिल्म में खालू जान और अर्शद वार्सी बब्बन बनकर दोबारा चोरी करने निकलते हैं। उधर उत्तर प्रदेश के महमूदाबाद की बेगम पारा बनी हैं माधुरी दीक्षित जिनके पति ने मरते समय उनसे वादा लिया कि वे शायरों और कवियों के लिए एक मुशायरे का आयोजन कराएंगी और जीतने वाले से शादी करेंगी। बेगम की करीब दोस्त है मुनिया जिसका किरदार हुमा कुरैशी ने निभाया है। इस मुशायरे को जीतने पहुंचते हैं नकली नवाब बनकर खालू जान और एक लोकल विधायक जान मुहम्मद के साथ कई और लोग जो महमूदाबाद के नए नवाब बनना चाहते हैं। बब्बन को हो जाता है मुनिया से प्यार लेकिन मुनिया ने छिपाए रखे हैं कई राज़।
फिल्म के आखिरी आधे घंटे में कई बातें सामने आती हैं – कई जिनका हम कुछ कुछ अंदाज़ा लगा पाए थे और कई जो हमें थोड़ा चैंका देती हैं। माधुरी के नाच और खूबसूरती, जान मुहम्मद का किरदार निभाते विजय राज़, बब्बन और उर्दू भाषा की मिठास से भरे फिल्म के डायलाग इसे एक बार देखने लायक ज़रूर बनाते हैं।
डेढ़ इश्किया का मज़ा पूरा
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