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ठाकुर का कुंआ

ओमप्रकाश वाल्मीकि का जन्म उत्तर देश के मुजफ्फरनगर जिले के बरला गांव में एक दलित परिवार में हुआ था। 1997 में ‘जूठन’ नाम से इनकी आत्मकथा प्रकाशित हुई। ‘सदियों का संताप’, ‘बस बहुत हो चुका’ इनके प्रसिद्ध कहानी संग्रह हैं। आईये पढ़ते हैं दिल को छू जाने वाली इनकी एक कविता।
चूल्हा मिट्टी का
मिट्टी तालाब की
तालाब ठाकुर का

भूख रोटी की
रोटी बाजरे की
बाजरा खेत का
खेत ठाकुर का

बैल ठाकुर का
हल ठाकुर का
हल की मूठ पर हथेली अपनी
फसल ठाकुर की

कुंआ ठाकुर का
पानी ठाकुर का
खेत-खलिहान ठाकुर के
गली मुहल्ले ठाकुर के
फिर अपना क्या ?
गांव ?
शहर ?
देश ?