सब बढ़े, सब पढ़े? लेकिन कहाँ पढ़े? शिक्षा के मन्दिर यानी स्कूल में, लेकिन स्कूल की हालत तो बहुत खराब है। बिना चारदीवारी वाले स्कूल में जिसकी छत टूटी है, प्लास्टर उखड़ा हुआ है। ऐसी स्थिति है ललितपुर जिले के कुलपहाड़ गांव के प्राथमिक स्कूल की।
शगुन देवी का कहना है कि पांच साल पहले स्कूल बना था। एक साल ठीक था उसके बाद उखड़ गया है। रामवती का कहना है कि स्कूल बने के दो चार महीने बाद से ही उखड़ना शुरू हो गया था। इससे सब जगह धूल हो जाती है। जिससे बच्चों को बैठने में परेशानी होती हैं। कक्षा तीन में पढ़ने वाली शबनम का कहना है कि स्कूल बनने के तुरंत बाद उखाड़ना शुरू हो गया है। इससे बहुत धूल हो जाती है जो खाने में पड़ती है और कपड़े भी गंदे हो जाते है। रोशनी ने बताया कि स्कूल में इतनी धूल रहती है कि खाना नहीं खा पाते है। हेडमास्टर हरीओम नारायण का कहना है कि 2015 से स्कूल उखड़ा पड़ा है। विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्य बालकिशन का कहना है कि स्कूल सब जगह उखड़ा पड़ा है लेकिन कुछ सुनवाई नहीं होती है। खण्ड शिक्षा अधिकारी योगेन्द्रनाथ का कहना है कि ऐसे स्कूलों के लिए स्कूल के हेडमास्टर और समिति सदस्य विद्यालय स्तर पर साइन करके प्रधान को देते है फिर प्रधान जिला सचिव को देंगे। इसके बाद कारवाही होती है।
रिपोर्टर- सुषमा
Published on Jan 19, 2018