जिला सीतामढ़ी, प्रखण्ड बथनाहा के लगभग बीसों पच्चीस लोग कहलथिन कि अभी बहुत ठंढ़ पर रहल हई। जेई कारण गरीब से लेके व्यवसाय वाला लोग सब के रोजी-रोटी सब में दिक्कत हो रहल हई।
उहां के यशोधा देवी कहलथिन कि हमरा चार गो बच्चा हई। पति वृद्धा छथिन। ठंढ़ा के कारण मजदूरी करे न जाई ले। ऐई ठंढ़ा में घर परिवार चलावे में दिक्कत होईय। बुधनी देवी रामकली देवी कहलथिन कि हम विधवा छी। एई ठंढ़ा में ओढ़ना बिछौना के दिक्कत हय। पोरा के बिछौना पर सुतईले। टेम्पू चालक विकास कुमार, जयशंकर पासवान, गणेश राय कहलथिन कि ठंढ़ा के कारण पसिन्जर न अबई छई। जेई कारण डिजल के भी दाम उपर न होईय। कबार खरीदे वाला विमल कुमार, जगेश्वर पासवान कहलथिन कि ठंढ़ के कारण पांच दिन से ठेला भी न निकालईले। जब मजदूरी न करब त बाल बच्चा कथी खतई।
प्रखण्ड विकास पदाधिकारी वसंत कुमार सिंह कहलथिन कि जिला से तीस कम्बल आयल हई लेकिन प्रखण्ड में इक्कीस पंचायत हई एई के लेल निर्णय कइली कि जे कुष्ट रोगी हई उनका वितरण क देब।
ठंढ़ के कारण रोजी-रोटी बंद
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