रेल मंत्री ने ट्रेन में मिलने वाले खाने की गुणवत्ता सुधारने के लिए नई पहल शुरू की है। उन्होंने रेलवे के अधिकारियों से कहा कि यात्रा के दौरान ट्रेन में यात्रियों को मिलने वाले खाने के साथ खाने की मात्रा और खाना भेजने वाली कंपनी की जानकारी भी दी जाए।
रेल मंत्रालय की तरफ से सभी अधिकारीयों को एक पत्र भेजा गया है। पत्र में रेलवे बोर्ड ने बताया है कि रेल मंत्री ने कहा है, ट्रेन में यात्रियों को खाने के साथ सप्लायर की पूरी जानकारी के साथ, वजन, पैकिंग की तारीख भी बतानी चाहिए। इसके साथ ही पैकेट पर एक ऐसा निशान भी होना चाहिए जिससे पता चले कि पैकेट में खाना वेज है या नॉन वेज।
रेलवे बोर्ड के एडिशनल मेंबर (टूरिज्म एंड कैटरिंग) संजीव गर्ग द्वारा जारी किए गए लैटर में साफ लिखा है कि यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।
इस साल की शुरुआत में कैग की रिपोर्ट के बाद रेलवे में खाने की गुणवत्ता सुधारने पर काम किया जा रहा है। कैग ने अपनी रिपोर्ट में खाने की गुणवत्ता को लेकर काफी आलोचना की थी।
आदेश को लागू करने के लिए रेलवे ने इस बार जुर्माने का प्रावधान भी किया है। अगर कैटरिंग स्टाफ के खिलाफ एक भी शिकायत मिली तो ठेकेदार पर भी कार्रवाई की जाएगी। अगर ज्यादा शिकायत मिलीं तो फिर ठेकेदार का टेंडर भी रद्द किया जा सकता है। अब इस पर निगाह रखी जाएगी। यात्री इसके लिए फेसबुक, व्हाट्सऐप और ट्विटर के जरिए भी स्टाफ के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकेंगे।