जिला चित्रकूट, ब्लाक मऊ, कस्बा बरगढ़। हिंया के लगभग पचास ट्यूबवेल लाग हवैं, पै चालू हालत मा बहुतै कम हवै। कुल लगभग दस ट्यूबवेल चलत हवै। वहिमा भी मड़इन के घरन मा कनेक्शन तौ हवै, पै नाम खातिर। मड़ई पियै खातिर पानी का हिंया हुंवा भटकत फिरत हवैं, पै शासन प्रशासन मड़इन खातिर पानी के व्यवस्था आज तक नहीं करिस हवै। मड़ई सूखा अउर पानी दूनौं समस्या से जूझत हवैं। यहिनतान का हाल हवै रैपुरा ट्यूबवेल का।
रैपुरा ग्राम पंचायत का मजरा दूबी के लोग कहिन कि 28 अगस्त 2009 मा पूर्व ग्राम्य विकास मंत्री दद्दू प्रसाद ग्राम समूह योजना के तहत खोला गा रहै। जेहिमा तीन ट्यूबवेल बने हवै। जेहिकर बजट एक करोड़ तिहत्तर लाख अठहत्तर हजार रुपिया लाग हवै, पै इं ट्यूबवेल तीन दिन बस चली रहै। यहिके बाद बंद हवै। गांव मा एक कुंआ हवै। जेहिमा बाइस हाथ के रस्सी लागत हवै। पानी भरैं खातिर वहिमा बाइस हाथ के रस्सी लागत हवै। कुँआ से पानी भरै मा औरतन के हाथ पिरायें लागत हवै। गांव के सुमन सेमिया अउर कमला बताइन कि पानी भरत भरत हमरे हाथन मा गांठी पर गे हवै। सरकार हमार समस्या नहीं हल करिस आय। बुद्व विलास बताइस कि गांव मा लगभग तीन हजार के आबादी हवै। येत्ती आबादी मा हैण्डपंप एक अउर कुंआ भी एकै हवै। हम पानी का तरसित हन। कइयौ दरकी तहसील दिवस मा लिखित दीन गे ,पै कुछ नहीं भा आय। गांव मा पच्चीस कनेक्शन हवैं। पाइप लाइन के, पै पाइप अउर टोटी बस लाग हवै। ट्यूबवेल के आपरेटर रमा शंकर का कहब हवै कि गांव मा कनेक्शन तौ हवैं, पाइप लाइन सही नहीं आय। दुइ हजार लीटर पानी के टंकी बनी हवै। वहिमा पानी इकट्ठा भरित हन, पै घरन मा पानी नहीं जात हवै। एक टंकी से सात गांवन मा पानी भेज सकित हन। अबै तक बिजली के समसया रहै। या से ट्यूबवेल नहीं चलत रहै, पै अब दूबी मजरा का सात दिन से चले लाग हवै, पै कउनौ फयदा नहीं आय। मड़इन का पानी नहीं मिलत आय। प्रधान ककहिस कि ट्यूबवेल सब चलै लागै तौ मड़इन अउर जानवरन का पियै खातिर पानी के व्यवस्था नींक होइ जाये। यहिके खातिर सरकार भी कुछौ ध्यान नहीं देत आय। जल निगम के अधिशाषी अधिकारी जे़ पी. सिंह का कहब हवै कि यहिके जांच जल्दी करवाई जई। जांच के बाद ट्यूबवेल चालू करवाये जइहैं।
ट्यूबवेल तौ हवै, पै चालू नहीं
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