बीती 7 फरवरी को उन्नाव जिले से झोलाछाप डॉ. की वजह से 58 लोगों के एचआईवी ग्रसित होने का मामला सामने आया था जिसकी जाँच के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी(सीएमओ) ने बयान में कहा है कि उन्होंने पिछले साल जुलाई में 12 लोगों के एचआईवी पॉजिटिव होने की बात सामने आने के बाद तत्कालिक सीएमओ को लेटर भेजकर इस बात की शिकायत की थी।
एक अंग्रेजी अख़बार के अनुसार, उन्नाव जिले के सीएमओ डॉ. एसपी चौधरी ने कहा पिछले साल जब वह सीएमएस थे उन्होंने तत्कालीन सीएमओ राजेंद्र प्रसाद को एक चिट्ठी लिखी थी।
इस चिट्ठी में उन्होंने जिक्र किया था कि एक झोला झाप डॉक्टर एक ही सीरींज के साथ एचआईवी वाइरस फैला रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में तत्कालीन सीएमओ ने कोई कार्रवाई नहीं की।
सीएमओ चौधरी ने कहा, ’17 जुलाई को बांगरमऊ के 12 लोगों को एचआईवी पॉजिटिव पाया गया था, पूछताछ में उन्होंने बताया कि इससे पहले उन्होंने एक स्थानीय नीम–हकीम को दिखाया था। उस हकीम ने उन्हें इंजेक्शन दिया था जिसमें उसने एक ही सीरींज(इंजेक्शन सुई) इस्तेमाल की थी।‘
चौधरी ने कहा कि पिछले साल नवंबर में फिर से बांगरमऊ के 13 और लोगों के टेस्ट में एचआईवी पॉजिटिव आया था। जब मैंने बतौर सीएमओ पद संभाला था, तब यहां पर 29 दिसंबर को मैंने स्वास्थ्य विभाग से कहा कि इलाके में कैंप लगाया जाए।
उन्होंने कहा कि जनवरी 24,25,27 को लगाए गए कैंप में 33 नए एचआईवी संक्रमित लोगों के नाम सामने आए। इलाके में अभी भी जांच चल रही है।
बता दें कि 7 फरवरी को झोला झाप डॉक्टर राजेश यादव को उन्नाव स्वास्थ्य विभाग की एफआईआर के बाद गिरफ्तार किया गया था। अब तक बांगरमऊ गांव से लगभग 58 लोगों को एचआईवी पॉजिटिव पाया गया है। इनमें 4 बच्चे भी शामिल हैं।
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