खबर लहरिया औरतें काम पर ‘झूठी शान’ के नाम पर कब तक मारी जाती रहेंगी कंदील बलोच जैसी महिलाएं?

‘झूठी शान’ के नाम पर कब तक मारी जाती रहेंगी कंदील बलोच जैसी महिलाएं?

kandeelपाकिस्तान की बोल्ड और सोशल मिडिया पर खासी चर्चित कंदील बलोच की उनके भाई ने ‘झूठी शान’ के नाम पर हत्या कर दी।

एक औरत के रूप में कंदील लाखों में एक थी। यह पहली बार नहीं है जब अपनी शर्तों पर जीने वाली कोई महिला मारी गयी हैं। इससे पहले भी पेशावर में, अयमन उदास और गुलनाज जैसी गायिकाओं को उनके परिवार द्वारा इसलिए मार दिया गया क्योंकि उन्होंने वो काम किया जो उन्हें पसंद नहीं था।

कंदील ने महिलाओं के लिए बदलते पाकिस्तान को दर्शाना चाहा था। जहाँ चर्चित हस्तियां सोशल मिडिया पर छायी रहती हैं। जिनकी वजह से देश की बाकी महिलाएं खुद भी उनके जैसा बनने की कोशिश करती हैं। एक ‘फूहड़’ महिला कहलाने के बाद भी उनकी बढ़ती लोकप्रियता और टीवी पर आता देख कर बाकी महिलाएं भी इन हस्तियों की तरह होना चाहती हैं।कंदील के साथ विडंबना यह हुई कि वह अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित थी। जिसके कारण अपनी विदेश यात्रा से पहले, एक सप्ताह के लिए अपने घर आ गईं। यहीं कंदील से गलती हो गयी। पाकिस्तान में अधिकतर महिलाएं अपने घरों में ही सताई और मारी जाती हैं और यही कंदील के साथ भी हुआ।

एक ऐसा खतरा जिसे आप प्यार करते हैं, उसके साथ खेलते हुए बड़े होते हैं और जिसके लिए आप यह सोचते हैं कि वो आपको किसी भी मुसीबत से बचाएगा, वही एक दिन आपकी जान का दुश्मन बन जाता है।

फैशन कोरियोग्राफर फ्रिएहा ने कंदील को प्यारी और जिंदादिल बताते हुए सोशल मिडिया में कहा, “पिछली बार कंदील से बात हुई थी। वह काफी प्यारी, उत्साहित और जिंदादिल थी। वो अपने भाई के हाथों इसलिए मारी गई क्योंकि वो अपनी शर्तों पर जी रही थी। यह घटना भयानक है। यह कब रुकेगी?”

कंदील की हत्या पाकिस्तान की महिलाओं के लिए यह संदेश देती हैं कि “हम यूंही मारी जाती रहेंगी” और वो हमें मारने का कारण खोजते रहेंगे। जब-जब हम उनकी पसंद का काम, लहजा, जीवन नहीं जियेंगी तब तक वो हमें मारते रहेंगे।

पाकिस्तान में हर दिन, हर घंटे और हर मिनट महिलाओं को बुरी तरह से मारा जाता है। बड़ी होती लड़कियां हर पल यही सुनती हैं कि ‘तुम्हें हमारे हिसाब से चलन होगा वरना मार दी जाओगी, पिटी जाओगी, बेच दी जाओगी या गायब करवा दी जाओगी और यह सब होता है “झूठी शान” के नाम पर।

हम जानते हैं कि अपनी ही बहन को मार देने में कोई शान नहीं है लेकिन यह इसलिए हैं ताकि वह काबू में रहें, जैसा मर्द चाहते हैं वैसे बन कर रहें।

पाकिस्‍तान में लगभग हर साल 500 लोग महिलाएं हैं, ऑनर किलिंग यानि झूठी शान की भेंट चढ़ जाती हैं। ज्‍यादातर उन्‍हें इस धारणा के आधार पर परिजनों द्वारा मौत के घाट उतार दिया जाता है कि उन्‍होंने परिवार की प्रतिष्‍ठा को धूमिल किया।

कंदील ने 15 जुलाई को अपना आखिरी फेसबुक स्टेट्स डाला था जिसमें उसने लिखा था कि उसे भले ही कितनी बार भी हराने की कोशिश की जाए लेकिन वह एक लड़ाके की तरह जवाब देंगी। उसने लिखा था कि ‘कंदील बलोच वन वुमेन आर्मी है’।

कंदील उन लड़कियों के लिए प्रेरणा है जिनके साथ समाज में बुरा व्यवहार किया जाता है। लेकिन उनकी हत्या परिवार और समाज के बर्बर चहरे का भी सच दिखाती है।